Monday, May 4, 2009

सास से मिली सलाह

जब मेरा पहला बेटा पैदा हुआ तब मेरी सास ने, जो श्वेत अमेरिकन है, मुझे सलाह दी कि मैं अपने बेटे को हिन्दी अवश्य सिखाऊँ। मुझे आश्चर्य हुआ कि वह स्वंम हिन्दी समझती नहीं फिर वह ऐसा क्यों चाहती हैं। तब उन्होने मुझे बताया कि उनकी नानी जो कनाडा के क्यूबेक प्रांत से थीं उन्हें अंग्रेज़ी नहीं आती थी। वह केवल फ्रैंच ही बोल समझ सकती थीं और भाषा के अभाव में उनका अपनी नानी के साथ कोई भावनात्मक रिश्ता नहीं बन सका। अपने दिल के किसी कोने में वह उस रिश्ते की कमज़ोरी का दर्द छुपाए जी रही थीं। वह नहीं चाहती थीं कि भाषा के अभाव में, संवाद हीनता के कारण उनके पोते-पोतियाँ अपने नाना-नानी से और अपनी भारतीय जड़ों से जुड़ने से वंचित रह जाएं। उनकी पीड़ा को सुनने के बाद मैंने संकल्प लिया कि मैं अपने बच्चों को हरसंम्भव तरीके से हिन्दी अवश्य सिखाऊंगी किन्तु यह इतना सरल भी नहीं था।
अपने आगे की यात्रा फिर अगली बार.......

11 comments:

  1. आगे की बात जरूर बताएं- हमारी पोती भी स्विटजरलैंड में है -२ वर्ष की है हम भी कहते रहते हैं ,वह अमेरिका में पैदा हुई मां -पिता की मातृ-माषा अलग है-अब वहां फ़्रैच बोली जाती है-बच्ची अभी केवल कुछ शब्द ही बोल पारही है.हम दोनो अब उससे मिलने जाएंगे क्य हम २ महीने में उसे हिन्दी बोलना सिखा पाएंगे-बहू तो थोड़ी हिन्दी बोलने लगी है।बच्ची के लिये क्या ठीक रहेगा।हम उस पर कोई बोझ नहीं डालना चाहते।हम दोनो [दादा,दादी] हिन्दी-पंजाबी-अंगरेजी बोलते है। नॆट पर पोती जब दादा बोलती है तो बहुत अच्छा लगता है।हमें दिशा सुझाएं
    श्याम

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  2. मेरी इ-मेल i.d. shyam.skha@gmail.com

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  3. मर्मस्पर्शी प्रसंग!
    स्तुत्य प्रयास!
    आपका संकल्प सफल हो!
    ब्लॉगजगत में आपका हार्दिक स्वागत है!

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  4. बच्चे हिन्दी सीख ले निश्चित करें प्रयास।
    कोशिश मिल सब करे हिन्दी करे विकास।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  5. आपकी कोशिशों के लिए हमारी अग्रिम एवं हार्दिक शुभकामनाएं........!!

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  6. HINDI sirf ek bhasha hi nahin aapitu hamaari sampoorna jeevan shaili hai....aapki saasuji ko dhanyavaad aur aapko hindi k prati anurag k liye badhai
    -albela khatri

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  7. बहुत अच्छा है आप ऐसे ही हिंदी का विकास करें...बल्कि मै तो कहुंगा कि आप जितने भी लोगों को जानती है उन्हें हिंदी सीखने को प्रेरित भी करें

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  8. आप सभी हिन्दी के पाठकों और लेखकों को हमारी चौखट तक आने, हमारे शब्दों को पढ़ने तथा अपनी टिप्पणी देने के लिए धन्यवाद।

    श्याम जी, दो महिने काफी नहीं तो कम भी नहीं होते। सबसे अच्छी बात कि आपकी बहू को हिन्दी सीखने का शौक है। माँ का बच्चे पर सर्वाधिक प्रभाव पड़ता है। इसलिए उसकी माँ के हिन्दी प्रेम को सराहते रहें और अपनी पोती और बेटे से बोलते समय भूल जाएं कि आप अंग्रेज़ी भी जानते हैं। आपकी यात्रा आनन्दायक रहे।

    सभी पाठको को पुनः हार्दिक धन्यवाद। आपके शब्द प्रेरणा देते हैं। फिर शीघ्र ही आऊँगी कुछ और अनुभव ले कर.....नमस्कार

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  9. बहुत अच्छा लगा ..हिन्दी जरुर सिखाये स्वागत है आपका ब्लाग जगत में

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