Friday, May 22, 2009

बहादुर बच्चे


बच्चों में गृह कार्य दिखाने का जोश सदा रहता है। मुझे पता है इसके पीछे उनके अभिभावकों की तत्परता और सहयोग ही है जिसके लिए वो प्रशंसा के पात्र हैं वरना इस हिन्दी विहीन वातावरण में बच्चे कैसे हिन्दी में अपनी रूचि बनाए रख सकते हैं। । मेरे ह्रदय में उनके लिए विषेश स्थान है।


एक कविता बच्चों में हिन्दी के प्रति जोश जगाने के लिए-


हम बहादुर बच्चे हैं, नहीं किसी से डरते हैं।
हर दिन अपने सारे काम, जल्दी-जल्दी करते हैं।
कोई बोले या ना बोले, हम तो याद रखते हैं।
सुबह शाम हम हिन्दी का, अपना काम करते हैं।

रचना - रानी पात्रिक

2 comments:

  1. वाह मज़ा आ गया जैसे हम ही कक्षा में पहुँच गए। लेकिन ये चित्र किसके हैं?

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