
फागुन आया, फागुन आया,
आओ मिल सब खेलें होली।
रंग लगाएं, धूम मचाएं,
हम बच्चों की है ये टोली।
हर घर में और हर गली में,
हम बच्चों के दंगे होंगे।
ढोल बजेंगे और नाचेंगे,
होली के हुदड़ंगे होंगे।
रंग खेलेंगे, रंग डालेंगे,
सराबोर रंगों में होंगे।
मन के सारे भेद भुला कर,
सभी जनों से गले मिलेंगे।
नये-नये वस्त्रों में सजधज,
एक दूजे के घर जाएंगे।
अबीर गुलाल के टीके लगा कर,
स्वागत और सत्कार करेंगे।
सारे दिन के बाद तो अब बस,
पकवानों की बारी है।
गुझिया, सेव, मिठाई, मठरी
होली की तैयारी है।
चित्र- इन्टरनेट से
होली की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteसुन्दर रचना!
ReplyDeleteये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
खुशी की हो बौछार,चलो हम होली खेलें.
आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
-समीर लाल ’समीर’
Bahut sundar rachana!
ReplyDeleteAapka kavya tarang par hardik abhiwadan!
Holi par sapriwaar mangalkamnae aapko bhi!!
bahut hi swadisht pakwaanon se saji rachna- mithi si
ReplyDeleteसारे दिन के बाद तो अब बस,
ReplyDeleteपकवानों की बारी है।
गुझिया, सेव, मिठाई, मठरी
होली की तैयारी है।
Ranee jee,
Holee ke avasar par bahut sundar geet padhvaya apne.Apko bhee holee kee hardik mangalkamnayen.
Poonam
बहुत सुन्दर रचना!
ReplyDeleteहोली की शुभकामनाएँ!
इस पोस्ट की चर्चा चर्चा मंच पर भी है!
http://charchamanch.blogspot.com/2010/03/blog-post.html
धन्यवाद सभी लोगों को अपने अमूल्य शब्दों द्वारा हमारा उत्साह बढ़ाने का।
ReplyDeleteशास्त्री जी, इस ब्लाग की चर्चा, चर्चा मंच पर करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
bahut khoob :)
ReplyDeleteaur holi ki shubhkaamae
http://liberalflorence.blogspot.com/
http://sparkledaroma.blogspot.com/
ha ha. sounds like you had a lovely holi :)
ReplyDeleteधन्यवाद त्रिपत और मिस्टिक रोज़। होली करने का मन तो बहुत था पर बच्चे बहुत बिमार पड़े और होली का हुदड़ंगा मन में ही रह गया। चलो अगली बार ही सही।
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