कितने सुन्दर हैं ये बच्चे,
कितने प्यारे, बड़े निराले,
इनके संग तुम घुल मिल खेलो,
मन के सारे दुःख हर लेंगे।
इनके मन के भाव निराले,
चंचल, निर्मल, कुछ मतवाले,
इनके संग कुछ बातें कर लो,
मन उजला और हलका देंगे।
बच्चों के मासूम इरादे,
डर के कच्चे, मन के पक्के,
इनके संग तुम चल कर देखो,
मन को दृढ़ता से भर देंगे।
बच्चे एक अनकही कहानी,
जीवन जीने की है ठानी,
इनके संग तुम जी कर देखो,
जीवन में नवरंग भर देंगे।
दुःख कम हो, मन ठंढा हो ले,
दृढ़ता और रंगों को भर लें,
बच्चों की चंचल बातों को,
मासूमी के अफ़सानों को,
अपने मन की गहराई में,
रख कर हम जीवन जी लेंगे।
सुन्दर चित्र के साथ सुन्दर भाव भी। वाह।
ReplyDeleteसादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
bachpan hota hi sundar he
ReplyDeletebahut bahut badhai
shekhar kumawat
सुन्दर सुमनों को देखकर मन प्रसन्न हो गया!
ReplyDeleteबालकविता बहुत ही बढ़िया है!
सुन्दर भावों से सजी सुन्दर कविता..... सच है बच्चों से कितना कुछ सीखा जा सकता है...बच्चे मन के सच्चे .
ReplyDeleteचर्चा मंच से यहाँ तक आया हूँ , बहुत अच्छा लगा ये ब्लॉग , हम बच्चों के बारे में ये कविता और अच्छी और प्यारी लगी , आपके ब्लॉग पर नियमित रूप से आना पडेगा
ReplyDeletehttp://madhavrai.blogspot.com/
बहुत सुंदर बच्चों के लिए बहुत सुंदर कविता!
ReplyDelete--
प्यार से ... ... .
मेरा मन मुस्काया!
--
संपादक : सरस पायस
आपकी बाल कविता तो बहुत प्यारी लगी..मजा आ गया पढ़कर.
ReplyDeleteआपकी बाल कविता तो बहुत प्यारी लगी..मजा आ गया पढ़कर.
ReplyDelete______________
'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है !!
ek umda baal kavita
ReplyDeleteachha lagta hai jab hindi se jude log aisi shuruat karte hai.
www.meriankahibate.blogspot.com
mujhe bhi margdarshan ki avyasyakta hai
रानी जी आपके ब्लाग पर पहली बार आना हुआ। जानकर अच्छा लगा कि आप हिन्दी में कविताएं कर रही हैं। प्रस्तुत कविता को और बेहतर किया जा सकता है। थोड़ा अभ्यास का मसला है। मैं 17 साल तक बालविज्ञान पत्रिका चकमक का संपादन करता रहा हूं। अगर आप चाहें तो संपादन में मैं आपकी मदद कर सकता हूं। शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहमारे सभी शुभचिन्तकों को हमारा धन्यवाद।
ReplyDeleteबच्चों के मासूम इरादे,
ReplyDeleteडर के कच्चे, मन के पक्के,
इनके संग तुम चल कर देखो,
मन को दृढ़ता से भर देंगे। सुन्दर एवम बालमन की सशक्त अभिव्यक्ति को आकार देती रचना---हार्दिक बधाई।
aap ka hindi prem aur sahity ruchi ko,blog ke madhyam se dekha.saat samandar paar aap jese hindi premi -jis trah se hindi ki ptaka ko lehra rahe hain,bdhi ke patr hain.
ReplyDeleteBDHAI---BDHAI----BDHAI......
ARIF JAMAL
EDITOR/PUBLISHER
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NEW DELHI-INDIA
सुंदर चित्र...प्यारा गीत...
ReplyDeleteबधाई.
bahut hi sunder aur pyari post
ReplyDeletehttp://liberalflorence.blogspot.com/
http://sparkledaroma.blogspot.com/
बच्चे मन के सच्चे .....शुभकामनाएं।
ReplyDeleteसुन्दर चित्र और बढिया बाल गीत
ReplyDeletei like to read chidren poems....now my are grown up...but when they were in ju. classes , i used to read their all hindi stories n poems too....i like urs too...even i write too. share me at my blog prars.blogspot.com
ReplyDeleteअब आपके बीच आ चूका है ब्लॉग जगत का नया अवतार www.apnivani.com
ReplyDeleteआप अपना एकाउंट बना कर अपने ब्लॉग, फोटो, विडियो, ऑडियो, टिप्पड़ी लोगो के बीच शेयर कर सकते हैं !
इसके साथ ही www.apnivani.com पहली हिंदी कम्युनिटी वेबसाइट है| जन्हा आपको प्रोफाइल बनाने की सारी सुविधाएँ मिलेंगी!
धनयवाद ...
वैसे भी बाल कवितायें सुन्दर होतीं हैं परन्तु आप कि कविता में तो बालपन कि झलक दिखती है |
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति