Monday, May 3, 2010

इनके संग तुम जी कर देखो




कितने सुन्दर हैं ये बच्चे,
कितने प्यारे, बड़े निराले,
इनके संग तुम घुल मिल खेलो,
मन के सारे दुःख हर लेंगे।

इनके मन के भाव निराले,
चंचल, निर्मल, कुछ मतवाले,
इनके संग कुछ बातें कर लो,
मन उजला और हलका देंगे।

बच्चों के मासूम इरादे,
डर के कच्चे, मन के पक्के,
इनके संग तुम चल कर देखो,
मन को दृढ़ता से भर देंगे।

बच्चे एक अनकही कहानी,
जीवन जीने की है ठानी,
इनके संग तुम जी कर देखो,
जीवन में नवरंग भर देंगे।

दुःख कम हो, मन ठंढा हो ले,
दृढ़ता और रंगों को भर लें,
बच्चों की चंचल बातों को,
मासूमी के अफ़सानों को,
अपने मन की गहराई में,
रख कर हम जीवन जी लेंगे।

20 comments:

  1. सुन्दर चित्र के साथ सुन्दर भाव भी। वाह।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  2. bachpan hota hi sundar he

    bahut bahut badhai

    shekhar kumawat

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  3. सुन्दर सुमनों को देखकर मन प्रसन्न हो गया!
    बालकविता बहुत ही बढ़िया है!

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  4. सुन्दर भावों से सजी सुन्दर कविता..... सच है बच्चों से कितना कुछ सीखा जा सकता है...बच्चे मन के सच्चे .

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  5. चर्चा मंच से यहाँ तक आया हूँ , बहुत अच्छा लगा ये ब्लॉग , हम बच्चों के बारे में ये कविता और अच्छी और प्यारी लगी , आपके ब्लॉग पर नियमित रूप से आना पडेगा

    http://madhavrai.blogspot.com/

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  6. आपकी बाल कविता तो बहुत प्यारी लगी..मजा आ गया पढ़कर.

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  7. आपकी बाल कविता तो बहुत प्यारी लगी..मजा आ गया पढ़कर.
    ______________
    'पाखी की दुनिया' में आपका स्वागत है !!

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  8. ek umda baal kavita
    achha lagta hai jab hindi se jude log aisi shuruat karte hai.

    www.meriankahibate.blogspot.com
    mujhe bhi margdarshan ki avyasyakta hai

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  9. रानी जी आपके ब्‍लाग पर पहली बार आना हुआ। जानकर अच्‍छा लगा कि आप हिन्‍दी में कविताएं कर रही हैं। प्रस्‍तुत कविता को और बेहतर किया जा सकता है। थोड़ा अभ्‍यास का मसला है। मैं 17 साल तक बालविज्ञान पत्रिका चकमक का संपादन करता रहा हूं। अगर आप चाहें तो संपादन में मैं आपकी मदद कर सकता हूं। शुभकामनाएं।

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  10. हमारे सभी शुभचिन्तकों को हमारा धन्यवाद।

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  11. बच्चों के मासूम इरादे,
    डर के कच्चे, मन के पक्के,
    इनके संग तुम चल कर देखो,
    मन को दृढ़ता से भर देंगे। सुन्दर एवम बालमन की सशक्त अभिव्यक्ति को आकार देती रचना---हार्दिक बधाई।

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  12. aap ka hindi prem aur sahity ruchi ko,blog ke madhyam se dekha.saat samandar paar aap jese hindi premi -jis trah se hindi ki ptaka ko lehra rahe hain,bdhi ke patr hain.
    BDHAI---BDHAI----BDHAI......

    ARIF JAMAL
    EDITOR/PUBLISHER
    NEW OBSERVER POST
    QUTUB MAIL
    NEW DELHI-INDIA

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  13. सुंदर चित्र...प्यारा गीत...
    बधाई.

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  14. bahut hi sunder aur pyari post

    http://liberalflorence.blogspot.com/
    http://sparkledaroma.blogspot.com/

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  15. बच्चे मन के सच्चे .....शुभकामनाएं।

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  16. सुन्दर चित्र और बढिया बाल गीत

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  17. i like to read chidren poems....now my are grown up...but when they were in ju. classes , i used to read their all hindi stories n poems too....i like urs too...even i write too. share me at my blog prars.blogspot.com

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  18. अब आपके बीच आ चूका है ब्लॉग जगत का नया अवतार www.apnivani.com
    आप अपना एकाउंट बना कर अपने ब्लॉग, फोटो, विडियो, ऑडियो, टिप्पड़ी लोगो के बीच शेयर कर सकते हैं !
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    धनयवाद ...

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  19. वैसे भी बाल कवितायें सुन्दर होतीं हैं परन्तु आप कि कविता में तो बालपन कि झलक दिखती है |
    बहुत अच्छी प्रस्तुति

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