चित्र- आर्या
पिछले हफ्ते इस गाने को हम लोगों ने अपनी हिन्दी की कक्षा में सीखा। हम लोगों ने रेलगाड़ी बनायी और लम्बी कतार में दौड़ते हुए इस गाने को कई बार गाया और सभी बच्चों को बहुत आनन्द आया।
रेलगाड़ी-रेलगाड़ी,
लम्बी सी रेलगाड़ी।
बच्चों मेरे पीछे आओ,
लम्बी सी कतार बनाओ।
गार्ड झंडी दिखलाएगा,
सिगनल डाउन हो जाएगा।
तब सीटी मारेगा इंजन,
छुक-छुक-छुक-छुक करेगा इंजन।
झट पीछे-पीछे आना,
गाड़ी के डिब्बे बनना।
हल्ला-गुल्ला सरपट दौड़,
बच्चों तब होगा एक शोर।
देखो-देखो रेल है आई,
सबको स्टेशन पर लाई।
बच्चों खत्म हुआ यह खेल,
आओ बनाएं फिर से रेल।
रचना- रानी पात्रिक
Monday, June 8, 2009
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कक्षा अवश्य ही अच्छी रही होगी, गीत सुन्दर है . आर्या का चित्र मनभावन है .
ReplyDeleteबहुत प्यारी बाल कविता।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बहुत बढिया बाल गीत है।
ReplyDeleteनमस्कार अच्छा लगा की आप मेरे ब्लॉग पर आये दूर देश में आप हिंदी की सेवा कर रहे है यह वास्तव में अपनी माठी की ही सुंगंध तो है न ! आपको साधुवाद
ReplyDeletebahut hi sunder bal kavita likhi hai ...acha laga apki kavita padh kar
ReplyDeleteपहलि बार अप्क ब्लोग देखा बहुत बडिया है अब तो हमे भी आप्की रेल पर च्ढना पडेगा शुभ्कामनायें
ReplyDeleteaap boht achha kaam kar rahe hai....nice blog...
ReplyDeleteaapkaa blog pasand aayaa ...sachchi duniyaa ki sarltaa aur hindi kaa aapkaa junoon badhai
ReplyDeletebahut pyari kavita pesh ki hai aapne
ReplyDeleteरेलगाडी की सैर करके मजा आ गया।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
हिंदी सिखाने में अपनी स्वरचित रचनाओं का प्रयोग यह दर्शाता है कि आप अपने काम को कितनी निष्ठा और आनंद पूर्वक कर रही है. रचना के लिए बधाई और हिंदी सेवा के लिए आभार.
ReplyDeleteaaj phir aapke railgadi par sawari ki.....
ReplyDeleteबहुत सुंदर है आपका प्रयास . जानकर मन छल छला गया की आप हिंदी के लिए इतनी प्रयासशील हैं .मेरी ढेरों शुभाkaक्षायें हैं .
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